दिग्विजय सिंह जी 10 वर्ष के मुख्यमंत्री, मंत्री रहे और वर्तमान में राज्यसभा सांसद है। जिनके अनुज लक्ष्मणसिंह पांच बार के सांसद और 3 बार विधायक रहे। राघोगढ़ और चाँचोड़ा जिनका घर रहा एवं राजगढ़ लोकसभा जिनका गढ़ रहा। वह गढ़ ढह गया।
अकेले चाँचोड़ा को जीतने के लिए राजा साहब ख़ुद 10 रात चाँचोड़ा विधानसभा के विभिन्न गावों और क़स्बों में गुज़ारी, हर तरह का गुणा गणित लगाया, भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी दबाव बनाया एवं नये पुराने एहसान गिनाए लेकिन एक ना चली जनता के आगे।
कहावत है चारों खानें चित्त होना यहाँ तो सातों खाने चित्त हो गए।और इनके गढ़ को ध्वस्त करने में महत्बपूर्ण भूमिका रही प्रियंका पेंची चाँचोड़ा विधायक की जिन्होंने 6 महीने में जनता के सहयोग, आशीर्वाद एवं अपनी कार्येशैली और कौशल से लक्ष्मण सिंह जी एवं दिंग्विजय सिंह जी को परास्त कर दीया।दिग्विजय सिंह जी 10 वर्ष के मुख्यमंत्री, मंत्री रहे और वर्तमान में राज्यसभा सांसद है। जिनके अनुज लक्ष्मणसिंह पांच बार के सांसद और 3 बार विधायक रहे।राघोगढ़ और चाँचोड़ा जिनका घर रहा एवं राजगढ़ लोकसभा जिनका गढ़ रहा। वह गढ़ ढह गया। अकेले चाँचोड़ा को जीतने के लिए राजा साहब ख़ुद 10 रात चाँचोड़ा विधानसभा के विभिन्न गावों और क़स्बों में गुज़ारी, हर तरह का गुणा गणित लगाया, भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी दबाव बनाया एवं नये पुराने एहसान गिनाए लेकिन एक ना चली जनता के आगे।कहावत है चारों खानें चित्त होना यहाँ तो सातों खाने चित्त हो गए।और इनके गढ़ को ध्वस्त करने में महत्बपूर्ण भूमिका रही प्रियंका पेंची चाँचोड़ा विधायक की जिन्होंने 6 महीने में जनता के सहयोग, आशीर्वाद एवं अपनी कार्येशैली और कौशल से लक्ष्मण सिंह जी एवं दिंग्विजय सिंह जी को परास्त कर दीया।